बिहार सरकार ने सुरजीत श्यामल के पोस्ट पर FIR दर्ज क्यों करवाई, जानिए?

जब देश में चारों तरफ सरकार के गलत नीतियों के खिलाफ मिडिया खामोश हो गई हो। लोग जब विरोध करने से डरने लगे हैं तब भी कुछ लोग आगे आकर अपने ही नहीं बल्कि जनहित के मुद्दे उठाते रहते हैं। यह बात इस तानाशाही सरकार को हजम नहीं हो पाती। जिसके बाद आवाज उठाने वाले को प्रताड़ित किया जाता है। पिछले कई महीने से लोग जानना चाहते हैं कि बिहार सरकार ने (मेरे ऊपर) सुरजीत श्यामल के पोस्ट पर FIR दर्ज क्यों करवाई? आज हम आपको पूरी जानकारी प्रूफ के साथ देने जा रहे हैं।

सुरजीत श्यामल के पोस्ट पर FIR दर्ज?

आपको सुनकर थोड़ा अटपटा सा लगेगा। शायद आपमें से कुछ लोगों को मेरे ऊपर FIR दर्ज होने की जानकारी होगी। हाँ, मगर जो लोग पूरा मामला जानना चाहते हैं तो पोस्ट को अंत तक पढ़ें। मैंने कोई गलत काम तो किया नहीं जो किसी को बताने में आपत्ति हो। पिछले कई वर्षों से देश की राजधानी दिल्ली में लेबर एक्टिविस्ट के रूप में काम कर रहा हूँ। मेरे दिल्ली हाईकोर्ट में जनहित याचिका की मांग से सेंट्रल गवर्नमेंट के अंतर्गत पुरे देश के ठेका वर्कर का न्यूनतम वेतन में 42% की बढ़ोतरी की गई थी।

हमने दिल्ली सरकार के समक्ष जॉइंट एक्शन कमेटी का गठन कर 25 से 30 विभागों के कर्मचारियों के बल पर 39% न्यूनतम वेतन वृद्धि करवाया। यही नहीं बल्कि सरकार के समक्ष जनहित के मुद्दों को विभिन्न माध्यमों से उठाना रहता हूँ। हमारे ब्लॉग और यूट्यूब चैनल  WorkerVoice.in को महीने में 20 लाख से अधिक मजदूर कर्मचारी पढ़ते और देखते हैं। अपनी इसी आदत के कारण मुझे बिहार सरकार का FIR झेलना पड़ा है।

बीडीओ कोविड-19 का टीका सर्कुलर जारी, पूरा मामला जानिए

बिहार समस्तीपुर जिले के पटोरी ब्लॉक के BDO श्री नवकंज कुमार ने 04 मई 2021 को एक सर्कुलर जारी किया। जिसके तहत उन्होंने कोविड-19 का टीका नहीं लेने वाले शिक्षकों के ऊपर कार्रवाई का आदेश जारी किया। जबकि केंद्र सरकार के अनुसार “कोविड-19 का टीका स्वैक्षिक है“। जब वहाँ के कुछ शिक्षकों के माध्यम से मुझे जानकारी मिली तब जनहित से जुड़ा मामले को देख दिनांक 05 जून 2021 को ईमेल के माध्यम से बिहार के मुख्यमंत्री श्री नितीश कुमार व् उनके अन्य संबंधित अधिकारियों को शिकायत की।

Surjeet-Shyamal-Complaint-Email
Surjeet-Shyamal-Complaint-Email

पटोरी BDO पर कार्रवाई की मांग की

अपने शिकायत ईमेल में केंद्र सरकार के RTI जवाब को संलग्न कर पटोरी BDO पर गैरकानूनी आदेश निकालने के आलोक में कार्रवाई की मांग की। उसमें अनुरोध किया कि कोविड-19 से लोगों को डराने के बजाए जागरूक किया जाए। उसी दिन बिहार के मुख्यमंत्री श्री नितीश कुमार, स्वास्थ्य मंत्री व् अन्य को ट्विटर के माध्यम से भी शिकायत दर्ज करवाई। जिसकी पूरी जानकारी को अपने ब्लॉग पर लोगों के जागरूकता के लिए पोस्ट कर दिया।

मेरे ऊपर उलटे, झूठा FIR दर्ज किया

मेरे शिकायत को मुख्यमंत्री कार्यालय से ठीक उसी दिन DM समस्तीपुर को फॉरवर्ड किया गया। जिसके फलस्वरूप बदले की भावना से पटोरी BDO नवकंज कुमार ने पद का दुरूपयोग कर मेरे ऊपर 06 मई 2021 को झूठा FIR दर्ज करवाया। उन्होंने मेरे ऊपर उनके उपरोक्त आदेश का गलत व्याख्या कर शोसल मिडिया के माध्यम से अफवाह फैलाने का आरोप लगाया। यह भी कहा कि मैं लोगों को कोविड-19 का टीका लेने से रोक रहा हूँ। जिसके बाद जिसके बाद पटोरी SHO श्री मुकेश कुमार ने भी आँख मूँद कर आईटी एक्ट धारा 66ए, आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 91-61, एपिडेमिक एक्ट 1897, भादवि की धारा 188 धाराओं के तहत FIR दर्ज कर लिया।

FIR for covid
FIR for Covid-19

 

मेरी छवि धूमिल करने के लिए दूसरे दिन (07 मई 2021) हिंदुस्तान अख़बार में खबर छपवाया कि “शोसल मिडिया में अफवाह फ़ैलाने के आरोप में युवक के ऊपर FIR दर्ज”। जबकि माननीय सुप्रीम कोर्ट ने श्रेया सिंघल बनाम भारत सरकार मामले में आईटी एक्ट धारा 66ए को 2015 में ही निरस्त कर दिया है। यही नहीं बल्कि FIR में आपदा प्रबंधन अधिनियम में कुल 79 धारा है, जबकि मेरे ऊपर बिना माथा लगाए धारा 91 लगा दिया, मतलब पूरी तरह कानून को ताक पर रखकर कार्रवाई की गई।

बिहार सरकार ने सुरजीत श्यामल के पोस्ट पर FIR दर्ज क्यों करवाई? जानिए पूरा मामला

मैंने बिहार सरकार से उपरोक्त सभी बातों को ध्यान में रखकर मेरे ऊपर FIR रद्द करने की मांग की है। आज 4 महीने बीतने के बाद भी उधर से न तो मेरे ऊपर कोई कार्रवाई की गई और न ही सरकार के तरफ से कोई जवाब ही दिया गया है। ऐसे मैं इनके FIR से डरने वाला नहीं हूँ। पहले की तरह आगे भी जनहित के मामले उठता रहूँगा। हमारे पास हमारे इस केस की आगे जो भी जानकारी आयेगी। आप सभी के साथ शेयर करूँगा आपलोगों के सहयोग के लिए धन्यबाद।

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