Police FIR na likhe to kya kare | पुलिस एफआईआर न लिखे तो क्या करें?

अगर आपके साथ कुछ अनहोनी घटना या दुर्घटना हो गई हो। ऐसे में आपको थाने में रिपोर्ट/एफआईआर लिखवानी पड़ती है। जिसके बाद अगर पुलिस एफआईआर न लिखे तो क्या करें (Police FIR na likhe to kya kare)? ऐसे में हम आपके लिए कुछ बेहद Simple Steps बताने जा रहें हैं। जो कि हमारा आजमाया हुआ है। जिसके उपरांत दूसरे ही दिन पूर्व के तिथि में एफआईआर (FIR) दर्ज कर ली गई। जिसके बारे में आपको काफी साधारण तरीके से बताने को कोशिश करूँगा। जिसको आजमाकर आप बिना किसी वकील के मदद के एफआईआर दर्ज करवा पायेंगे।

अगर पुलिस एफआईआर न लिखे तो क्या करें?

आज ज्यादातर लोग थाने-पुलिस के झमेले में नहीं पड़ना चाहते हैं। मगर कई बार ऐसी कुछ अनहोनी हो जाती है कि मज़बूरी में थाने के चक्कर लगाने पड़ते ही हैं। ऐसे में आप से से कम ही लोग होंगे जो ख़ुशी से थाने पुलिस में जाना चाहते हैं। अब जैसा कि हमारा टॉपिक है कि हम जब थाने पर जाएं और अगर पुलिस एफआईआर न लिखे तो क्या करें?

Police FIR na likhe to kya kare?

ऐसे तो अगर आप पढ़े-लिखें हैं तो आप ऑनलाइन एफआईआर भी दर्ज करवा सकते हैं। मगर अभी भी बहुत से राज्यों में ऑनलाइन एफआईआर की सुविधा उपलब्ध नहीं है। अब अगर अगर उसमें भी पीड़ित/पीड़िता गरीब और अनपढ़ हो तो थानेदार उनकी कम ही सुनता है । हाँ, मगर सभी थानेदार एक जैसे नहीं होते हैं, कुछ अपवाद भी होते हैं। अगर थानाध्यक्ष आपका एफआईआर लेने से मना कर दे तो इसके लिए बेहद साधारण सा उपाए बताने जा रहा हूँ। जिसको आजमाकर आप बिना किसी वकील के मदद के FIR दर्ज करवा पायेंगे।

FIR Kya hai?

FIR शब्द एफआईआर यानी फर्स्ट इनफार्मेशन रिपोर्ट जो कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 154 से निकल कर आता है। जिसको हिंदी में प्राथमिकी कहा जाता है। दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 154 के अंतर्गत इसे संज्ञेय मामलों की इत्तिला कहा गया है। दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत अपराधों को दो प्रकार में बांटा गया है, संज्ञेय और असंज्ञेय। इसके आधार पर ही संज्ञेय अपराधों की रिपोर्ट के लिए IPS की धारा 154 को रखा गया है।

किसी व्यक्ति के साथ किसी तरह का अपराध हुआ हो तो उसे पुलिस स्टेशन में जाकर FIR दर्ज करवाना चाहिए। देश के प्रत्यके व्यक्ति का अधिकार है कि वह सीआरपीसी का सेक्शन 154 के तहत किसी भी अपराध का पुलिस स्टेशन में जानकर FIR दर्ज करवा सकता है।

FIR लिखित या मौखिक रूप से दर्ज

आप एफआईआर लिखित या मौखिक रूप से पुलिस स्टेशन में दर्ज करवा सकते हैं। जिसको आप थानाध्यक्ष के नाम से सादे कागज पर लिख कर देंगे। अगर आप मौखिक शिकायत करते हैं ऐसे में पुलिस अधिकारी को अपने साथ हुए अपराध के बारे में बताना होगा। वो आपकी बात सुनकर लिखेंगे और उसके बाद पढ़कर सुनायेंगे। अगर आप कुछ बदलना चाहें या कुछ जोड़ना चाहे तो लिखवा सकते हैं। जिसके बाद आपको इस पर हस्ताक्षर करवाया जायेगा।

अगर थानेदार एफआईआर दर्ज न करे तो क्या करें?

अगर थानाध्यक्ष आपका एफआईआर एप्लीकेशन लेकर रिसीविंग न दे या एफआईआर दर्ज न करे। ऐसे स्थिति में आप अपने उसी FIR Application Copy का एक कॉपी रजिस्टर्ड पोस्ट से थानाध्यक्ष को भेज दें। आप/शिकायतकर्ता नीचे हस्ताक्षर वाले स्थान पर हाथ से लिखे दें कि “हमने आपको थाना में उपस्थित होकर यह एप्लीकेशन दिया मगर आपके द्वारा न तो रिसीविंग दिया गया और न ही एफआईआर ही दर्ज किया गया। जिसके कारण विवश होकर Registered Post से भी FIR Application भेज रहा हूँ।”

पुलिस की शिकायत कहाँ करें?

अब इसके बाद आपका काम हो जायेगा। अगर तब नहीं न हुआ तो आप 7 दिन के बाद अपने एरिया के SP को FIR Application Copy पर रजिस्टर्ड पोस्ट का रसीद चिपका कर फोटो कॉपी करवा कर शिकायत लिखकर भेज दें। यही नहीं बल्कि आप 15  दिन बाद सम्बंधित थाने में आरटीआई लगाकर अपने एफआईआर एप्लीकेशन की दैनिक उन्नित रिपोर्ट और एक्शन टेकेन रिपोर्ट मांग लें। आपका एप्लीकेशन किस अधिकारी के पास पेंडिंग है और उसने क्या कार्रवाई किया। इसके बाद अगर थानाध्यक्ष को अपनी नौकरी बचानी है तो आपका FIR जरूर ही दर्ज करने को मजबूर हो जायेगा।

अगर पुलिस एफआईआर न लिखे तो क्या करें | Police FIR na likhe to kya kare?

ऐसे तो इतना कुछ करने के बाद FIR दर्ज हो जाना चाहिए। मगर फिर भी अगर इसके बाद भी आपकी एफआईआर दर्ज नहीं होती है तो ऐसे में आप CrPC के सेक्शन 156 (3) के तहत मेट्रोपॉलिटिन मजिस्ट्रेट के पास इसकी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। RTI लगाने के बाद हमें नहीं लगता कि आपको कोर्ट जाना पड़ेगा। अगर कोई अधिकारी आपकी FIR लिखने से मना करता है या फिर एफआईआर दर्ज नहीं करता है। ऐसे में माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार उन पर कार्रवाई हो सकती है।

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4 thoughts on “Police FIR na likhe to kya kare | पुलिस एफआईआर न लिखे तो क्या करें?”

  1. Hello sir me Rajasthan Jodhpur se mujh ek ladke ne dhoka diya h sahdi ka bola shaadi ka bola aur galat sambandh Banaya Uske bad Mein shaadi karne ke liye mana kar raha hai vah UP ka Rahane wala hai up Jhansi khamirpur Jari jariya uska gaon ka naam hai aur Main Jodhpur Rajasthan mein Dev Nagar Thane mein report darj Karva Di Hai vahan per Fir Bhi Koi sunvaee Nahin ho rahi hai please aap meri madad kijiye

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    • आप उच्चाधिकारियों को पुलिस अधिकारी के खिलाफ शिकायत लिखिय। अगर आप अपना एफआईआर कॉपी फ़ोन नंबर के साथ ईमेल पर भेजिए, फिर देखते हैं.

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