Blog- अभी एक बार फिर से दिल्ली गेस्ट टीचर को परमानेंट करने की मांग उठने लगी है। जिसके तहत ऑल इंडिया गेस्ट टीचर्स एसोसिएशन के बैनर तले हजारों की संख्या में मुख्यमंत्री आवास के बाहर प्रदर्शन भी किया है। जिसके लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविन्द केजरीवाल बधाई के हकदार हैं। आप सोच रहें होंगे कि मैं क्या लिख रहा हूँ? जी हाँ, सही लिखा है और अगर आप हमारे पुरे पोस्ट को पढ़ लेंगे तो आप भी यही कहेंगे।
दिल्ली गेस्ट टीचर को परमानेंट करने की मांग
ऑल इंडिया गेस्ट टीचर्स एसोसिएशन के द्वारा आज ही दिल्ली के उपराज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा गया है। दिल्ली सरकार द्वारा विधानसभा में अतिथि शिक्षकों (Guest Teachers) को स्थाई करने का एक बिल 2017 पास किया गया था। जिसका हवाला देकर दिल्ली सरकार गेस्ट टीचर्स को स्थाई करने का अपना वादा पूरा नहीं कर रही है।
उनका कहना है कि “एलजी साहब उस बिल को पास नहीं कर रहे हैं, जबकि हम तो आप लोगों को स्थाई करना चाहते हैं”। उक्त संघ के द्वारा उस बिल से संबंधित जानकारी प्राप्त करने हेतू एलजी साहब से मिलने का मांगा गया है । सच पूछिए तो केजरीवाल जी ने गेस्ट टीचर्स के जख्मों को एक बार फिर से हरा कर दिया है।
Delhi Guest Teacher latest news today in hindi
अभी हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के कॉन्ट्रैक्ट टीचर्स को पक्का करने का वादा कर आये हैं। विभिन्न मिडिया से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा है कि अगर हमारी पंजाब में सरकार बनेगी तो हम कॉन्ट्रैक्ट अध्यापकों को पक्का करेंगे। आपको याद दिला दें कि कुछ वर्ष पूर्व इन्ही मुद्दों पर केजरीवाल दिल्ली की सत्ता पर काबिज हुए थे।
जिसके बाद दिल्ली कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों और शिक्षकों ने जम कर वोट किया था। जिसके बाद दिल्ली में केजरीवाल जी के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी की बहुमत की सरकार बन गई। मगर, आज 6-7 साल बीतने के बाद भी एक भी कर्मचारी को न तो पक्का किया गया है और न ही गेस्ट टीचर्स को ही। जिसके लिए आए दिन कहीं न कहीं किसी न किसी संघ/संगठन का प्रदर्शन होता ही रहा है।
गेस्ट टीचर को परमानेंट करना तो
अभी पिछले 2 साल पहले करोना नामक बीमारी आया। जिसके बाद इन नेताओं की किस्मत ही बदल गई। उनको न केवल रोज-रोज के विरोध प्रदर्शन से निजात मिल गया बल्कि लॉकडाउन में काफी आराम करने का भी मौक़ा मिला। हालांकि, इस दौरान केजरीवाल सरकार ने मजदूरों की न्यूनतम वेतन अधिनियम के तहत न केवल मंहगाई भत्ता रोकने की कोशिश की बल्कि एक आरटीआई जवाब में झूठ तक बोल दिया कि यह जरुरी प्रावधान नहीं है। अब आप ही सोचिए कि ऐसे में किसी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर या गेस्ट टीचर को परमानेंट करना तो बहुत बड़ी बात होगी न?
केजरीवाल जी ने पक्का करने का वादा
अब जैसे ही केजरीवाल जी ने पंजाब चुनाव प्रचार के दौरान उनको पक्का करने का वादा किया। फिर क्या था उनकी यही बात दिल्ली गेस्ट टीचर आंदोलन के लिए संजीवनी का काम कर दिया। जिसके बाद एक बार फिर से दिल्ली गेस्ट टीचर को परमानेंट करने की मांग उठाने लगी है। जिसको आपने पिछले हप्ते दिल्ली मुख्यमंत्री आवास के बाहर प्रदर्शन के रूप में देखा। अब भई, इसके लिए केजरीवाल जी का धन्यबाद तो बनता है। अब आप अपनी एकता बनाए रखिए और मांग को तेज कर आपका हक़ पाइये। यही हमारी शुभकामाएं हैं।
अब अंत में आपलोगों को एक सुझाव देना चाहूँगा कि आप अगर चाहें तो दिल्ली सरकार द्वारा दिल्ली गेस्ट टीचर्स को स्थाई करने का बिल 2017 का सही स्टेटस पता करना चाहते हैं। ऐसे में आप आरटीआई एक्ट 2005 का उपयोग कर पेपर मांगिए और देखिए कि वह असल में किसके पास पेंडिंग हैं? जिससे केजरीवाल सरकार कितना सच बोल रही, उसका सबूत आपके पास होगा।
यह भी पढ़ें-
- दिल्ली गेस्ट टीचर – नेताओं के कहे पर स्टैंड बदलते रहे तो कमजोर होगा आंदोलन
- दिल्ली गेस्ट टीचर की सैलरी लड़कर 6 से 34 हो सकती तो परमानेंट कौन सी बड़ी बात
- बिहार के नियोजित शिक्षक का समान वेतन, कितने दूर कितने पास, जरूर पढ़ें
- National Minimum Wages एक्सपर्ट कमेटी के अनुसार किस राज्य का कितना?