बिहार: अभी पुरे देश में समस्तीपुर जिले का पटोरी थाना क्षेत्र चर्चा का विषय बना हुआ है। यह केवल हमारे द्वारा सहारा इंडिया के नाम पर चल रहे फर्जीवाड़े को उजागर करने की वजह से हो पाया है। मगर जहां एक तरफ क्षेत्र के लोग काफी खुश हैं तो दूसरी तरफ पटोरी DSP सहारा इंडिया फर्जीवाड़े की पोल खोलने की वजह से धमका रहें, जिससे आम लोगों खासकर जमाकर्ताओं में काफी रोष है। जिसके लिए हमने प्रशासन को क्या आगाह किया जानिए?
पटोरी DSP सहारा इंडिया फर्जीवाड़े की पोल
हमने पटोरी में सहारा इंडिया के नाम पर फर्जीवाड़े की शिकायत दिनांक 16 फरवरी 2022 और पब्लिक पेटिशन दिनांक 22 फरवरी 2022 को केंद्र/राज्य सरकार माननीय सुप्रीम कोर्ट और सभी संबंधित अधिकारियों को दिया है। जिसके बाद से ही जनता के बीच RBI के द्वारा सहारा इंडिया के नॉन बैंकिंग रजिस्ट्रेशन रद्द होने के जानकारी देने के साथ सहारा में पैसा न जमा करने की अपील कर रहा हूँ। उनको अपना जमा पैसा वापस पाने के लिए क़ानूनी प्रक्रिया के लिए जागरूक कर रहा हूँ।
लोग सहारा इंडिया में/के नाम पर पैसा जमा करना?
जिसका लोगों को काफी असर हुआ है और धीरे-धीरे लोग सहारा इंडिया में/के नाम पर पैसा जमा करना बंद कर रहे हैं। हमारे इस जागरूकता अभियान से इस फर्जीवाड़े में शामिल लोगों के द्वारा मुझे विभिन्न माध्यम से शिकायत वापस लेने को दवाब डाला जा रहा है। हमलोगों को देश के कानून और संविधान में पूरा भरोसा है और हम सहारा के नाम पर फर्जीवाड़े की गहन जांच के लिए लगातार FIR की मांग उठा रहे हैं।
धमकाते हुए कहा कि आप तो बरी हाईलाइट कर रहें?
जिसके बाद पटोरी थाना परिसर में श्री ओम प्रकाश अरुण, डीएसपी, पटोरी ने दिनांक 27 फरवरी 2022 को मुझे धमकाते हुए कहा कि आप तो मामले को बरी हाईलाइट कर रहें हैं, यूट्यूब पर डाल रहें हैं, व्हाट्सएप पर डाल रहें हैं तो फेसबुक पर डाल रहें हैं, तो यह सब गलत भ्रामक है। हमने पूछा कि क्या भ्रामक है?
जिसके बाद वो झल्लाते हुए बोले कि “यह तो गलत बात है, आप हम लोगों को मिसयूज कर रहे हैं”। मैंने पूछा कि आपको मिस यूज कैसे कर रहे हैं? आप अभी तक FIR नहीं किये हैं। जिसके बाद उन्होने न केवल मेरे साथ बतमीजी से बात की बल्कि धमकाया कि यूट्यूब पर मत डालो। जिसकी शिकायत उपरोक्त सभी को कर दिया है।
सहारा इंडिया के फर्जीवाड़े की शिकायत
जबकि हमारे पटोरी सहारा इंडिया के फर्जीवाड़े की शिकायत के 12 दिन बाद FIR दर्ज न कर प्रशासन के देखरेख में लगातार सबूतों को नष्ट किया जा रहा है। जिससे असली दोषी को बचाया जा सके। जिसके तहत पटोरी सहारा इंडिया में शिकायत के बाद “सहारयन” का बोर्ड लगाया गया है। जिससे कल को साबित किया जा सके कि हम सहारा इंडिया नही बल्कि अलग-अलग सोसाईटी है। जिससे क्षेत्र के लोग काफी आक्रोशित हैं।
पटोरी DSP सहारा इंडिया फर्जीवाड़े की पोल खोलने पर क्यों धमका रहें?
जबकि उक्त सोसाइटी का पेपर पकड़ाते समय लोगों का भरोसा दिलाया गया था कि आपका पैसा सहारा इंडिया में ही जमा हो रहा है। जिसमें कहीं न कहीं स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत प्रतीत होता है। जिससे जनता में आक्रोष बढ़ता जा रहा है।
यह कि जनता की गाढ़ी कमाई को सबने मिलकर लूटा है और पैसा वापस नही किया जा रहा। जिसमें पटोरी डीएसपी का व्यवहार घी में आग का काम कर रहा। जिससे कल को स्थिती भयावह हो सकती है। अगर समय से उचित कदम नहीं उठाया गया तो उसका जिम्मेदार जिला प्रशासन होगा।
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