Sahara India Scam: पुरे देश में सहारा इंडिया के नाम पर फर्जीवाड़े की चर्चा सभी के जुबान पर है। जिसका भंडाफोड़ बिहार राज्य अंतर्गत समस्तीपुर जिले के पटोरी-धमौन से शुरू हुआ है। जबकि दूसरी तरफ पिछले दो हप्ते पहले मिले शिकायत के वावजूद स्थानीय प्रशासन ने अभी तक FIR दर्ज नहीं किया है। वहीं समस्तीपुर के डीएम ने भी पिछले हप्ते इस मुद्दे पर शिकायतकर्ताओं के प्रतिनिधिमंडल से मिलने से मना कर दिया था। अब जाकर RBI के निर्देश के बाद समस्तीपुर DM हरकत में आए हैं। जिसकी पूरी जानकारी के लिए पोस्ट को पूरा पढ़ें।
Sahara India Scam- RBI के निर्देश के बाद समस्तीपुर DM हरकत में
भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने सहारा इंडिया फाइनेंसियल कार्पोरेशन को 2008 में जमाकर्ताओं से पैसा जमा करवाने से रोक लगा दिया था। वहीं 2015 में उसके नॉन बैंकिंग का लाइसेंस ही रद्द कर दिया। जबकि माननीय सुप्रीम कोर्ट ने 2012 में सभी जमाकर्ताओं का पैसा वापस करने का आदेश जारी किया था। जिसके लिए जमाकर्ताओं को सेवी के पास रिफंड क्लेम करना था। जबकि सहारा इंडिया ने अपने एजेंट के नेटवर्क के जरिये लोगों को सेवी के पास रिफंड क्लेम करने के लिए जाने नहीं दिया।
सहारा इंडिया ने जमाकर्ताओं के पैसे को सोसाईटी में कन्वर्ट किया
सहारा इंडिया ने अपने एजेंट के माध्यम से जमाकर्ताओं के पैसे को लालच/धोखा/फाॅर्स करके अलग-अलग सोसाईटी में कन्वर्ट कर दिया। जिसके बाद जमाकर्ताओं को समय पूरा होने पर भी पैसा वापस नहीं दिया जा रहा है। जबकि हाल ही में माननीय सुप्रीम कोर्ट में गंभीर धोखाधड़ी जाँच कार्यालय (SFIO) द्वारा सहारा इंडिया फर्जीवाड़े के खिलाफ दायर मामले में सहारा इंडिया के तरफ से कहा गया है कि उसने सभी जमाकर्ताओं का एक-एक पैसा चूका दिया। जबकि धरालत पर स्थिति इसके ठीक उल्ट है।
समस्तीपुर में चल रहे नॉन फिनेंसियल कंपनी के जांच का आदेश
पटोरी समस्तीपुर के तकरीबन 200 लोगों ने माननीय सुप्रीम कोर्ट, सेवी, एसएफआईओ, आरबीआई से लेकर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, जिलाधिकारी, स्थानीय थाने में शिकायत दी। जिसके 20 दिन बीतने के बाद भी FIR दर्ज नहीं किया गया। अब RBI के निर्देश के बाद समस्तीपुर DM हरकत में आए हैं। जिसके बाद उन्होंने पुरे जिले के अंदर चल रहे नॉन फिनेंसियल कंपनी के जांच का आदेश दिया है।
समस्तीपुर डीएम ने माइक्रो फाइनेंस कंपनी या फाइनेंशियल कंपनी की जांच का आदेश
भारतीय रिज़र्व बैंक के केंद्रीय प्राप्ति और प्रसंस्करण केंद्र के द्वारा हमें (शिकायतकर्ता) को दिनांक 08 मार्च 2022 को ईमेल के सूचित किया है कि आपकी शिकायत में दी गई सूचना के आधार पर कार्रवाई विचारार्थ लंबित है/ द्वारा कार्रवाई की गई है। अब इसका मतलब आरबीआई के निर्देश के बाद ही समस्तीपुर डीएम हरकत में आये हैं।
दैनिक जागरण के रिर्पोर्ट के 07.03.2022 के अनुसार समस्तीपुर डीएम ने जिले में कार्यरत सभी माइक्रो फाइनेंस कंपनी या फाइनेंशियल कंपनी की जांच करने का आदेश दिया है। आरबीआई के गाइडलाइंस के अनुसार सभी नियमों का माइक्रो फाइनेंस कंपनी या फाइनेंशियल कंपनी पालन कर रही है या नहीं। जिसकी रिपोर्ट जल्द से जल्द मांगी गई है।
हालांकि, हमारी शिकायत सहारा इंडिया के नाम पर फर्जी तरीके से सोसाइटी में पैसा कन्वर्ट करने के संबंध में है। जबकि आरबीआई के बीआर अधिनियम 1949 के तहत सोसाइटी बैंक चलाने के लिए अधिकृत ही नहीं है। ऐसे में यह तो तय है कि यह जांच का आदेश भी हमलोगों के शिकायत और जन-आंदोलन के दवाब के कारण दिया गया है।
सहारा इंडिया के रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़
अब देखना है कि पटोरी अनुमंडलाधिकारी द्वारा जांच में क्या रिपोर्ट भेजा जाता है। हालांकि, इससे पूर्व भी पटोरी एसडीओ ने 19 फरवरी 2022 को थाना प्रभारी को जांच का जिम्मा सौंपा था। जिसके 18 दिन बीतने के अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं किया गया है। जबकि दूसरी तरफ प्रशासन की मौजूदगी में सहारा इंडिया के रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ किया जा रहा है। जिसकी शिकायत भी वरीय पदाधिकारी को दी जा चुकी है।
यह भी पढ़ें-
- सहारा इंडिया के नाम पर फर्जीवाड़े में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पूतला फूंका, क्यों?
- पटोरी DSP सहारा इंडिया फर्जीवाड़े की पोल खोलने पर क्यों धमका रहें, सुनिए
- पटोरी के लोगों ने हिंदुस्तान और दैनिक जागरण अखबार का कॉपी जलाया, जानिए क्यों?
- Sahara India Ke Naam Par Scam के खिलाफ पटोरी में जमाकर्ता सड़क पर उतरे
- Sahara India me Jama Paisa Kab Milega, पटोरी में संचालित शाखा की हकीकत?