बिहार: समस्तीपुर जिले के पटोरी अनुमंडल कार्यालय परिसर में मनरेगा योजना में घोटाले का मामला डीएम कार्यालय पहुंचा। श्री सुधीर कुमार (शिकायतकर्ता) पेशे से अधिवक्ता हैं और साथ ही AISF के जिला अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने सोमवार को जिलाधिकारी से मिलकर मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग के साथ यह भी कहा कि जब अनुमंडल कार्यालय परिसर में इस तरह एक घोटाला हो सकता तो पुरे क्षेत्र की स्थिति समझ सकते हैं।
पटोरी अनुमंडल कार्यालय परिसर में मनरेगा घोटाला
श्री सुधीर ने बताया कि पटोरी प्रखंड के शाहपुर उण्डी पंचायत में मनरेगा योजनाओं से वित्तीय वर्ष 2020-21 का दिनांक-17.04.2022 अनुमंडल कार्यालय पटोरी के परिसर मे कराये गये कार्य अनुमंडल गेट न0 1 से अधिवकत्ता संघ तक सड़क पीसीसी कार्य में व्यापक पैमाने पर अनियमितता व लुट-खसोट की गयी है। जिसकी शिकायत वे लोग SDO साहब से पहले भी कर चुके हैं।
यह पीसीसी कार्य अनुमंडल कार्यालय परिसर में किया गया है और जिस परिसर के सर्वेसर्वा स्वयं जफर आलम, अनुमंडलाधिकारी, पटोरी हैं। जिनको जब हम दिनांक-18.04.2022 को अपने कुछ अधिवक्ता साथियों के साथ मौखिक शिकायत की तो उन्होने कहा कि यह पीसीसी का कार्य दिनांक-17.04.2022 को रात्रि में उनके अनुपस्थिति में किया गया है।उनके द्वारा स्वतं संज्ञान न लेकर लिखित शिकायत की मांग की गई, जो स्वयं में दर्शता है कि वो अपने कार्य के प्रति कितने जिम्मेदार हैं।
पटोरी अनुमंडलाधिकारी की संरक्षण/मर्जी का संदेह पैदा
आगे उन्होंने आरोप लगाया कि हमलोगों (अधिवक्ता संघ) ने दिनांक 19.04.2022 को एक लिखित शिकायत दिया। जिसके बाद अनुमंडलाधिकारी द्वारा मामले की जांच में शिकायत को सत्य पाये जाने के 6 दिन बीत जाने के बाद भी अनियमितता में शामिल लोगों पर अभी तक FIR तक दर्ज नही कराया गया। जिससे उपरोक्त अनियमितता में पटोरी अनुमंडलाधिकारी की संरक्षण/मर्जी का संदेह पैदा होता है।
आखिर क्या घोटाला हुआ?
अब आपके मन से यह सवाल जरूर होगा कि आखिर क्या घोटाला हुआ है? आपको बता दें कि जो शिकायत सुधीर ने जिलाधिकारी महोदय को दिया है। उसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि उपरोक्त कार्य में कार्य-स्थल पर योजना के नाम व विवरण का बोर्ड लगाए बिना ही काम को अंजाम दिया गया है। जिसमें पूरी तरह से सफेद बालू (गंगा बालू) का प्रयोग किया गया है, जिसका बचा हुआ सफेद बालू को शिकायत के बाद हटा दिया गया है।
सुधीर ने कहा कि जिलाधिकारी, समस्तीपुर द्वारा जांच कर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है। अब देखना है कि मामले पर कब तक और क्या कार्रवाई होती है? अगर जल्द ही जांच कर कार्रवाई नहीं की गई तो हम सड़क पर उतरने से भी परहेज नहीं करेंगे।
यह भी पढ़ें-
- मोदी सरकार पूर्वजों द्वारा बनवाये श्रम कानूनों को खत्म करने पर आमदा, क्यों
- बिहार के नियोजित शिक्षक का समान वेतन, कितने दूर कितने पास, जरूर पढ़ें
- जनहित याचिका: मांगा समान काम का समान वेतन, मिला नया न्यूनतम वेतन
- पटोरी डीएसपी को RTI की अंदेखी पड़ा मंहगा, विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा