बिहार: पिछले साल पटोरी BDO ने शिक्षकों को कोविड टीका नहीं लेने पर कार्रवाई का आदेश जारी किया था। जिस मामले को न केवल हमारे जोर-शोर से उठाया था बल्कि इसकी शिकायत भी उच्चाधिकारियों से की थी। अब पटोरी SDO ने एक RTI के जवाब में स्वीकारा है कि “शिक्षकों को कोविड टीका नहीं लेने पर कार्रवाई का सरकारी आदेश नहीं था”। आइये जानते हैं कि इसके साथ और क्या कहा?
शिक्षकों को कोविड टीका नहीं लेने पर कार्रवाई?
पिछले साल 04.05.2021 को पूर्व पटोरी BDO ने एक तानाशाही फरमान जारी किया था। जिसके तहत उन्होंने शिक्षकों को कोविड का टीका नहीं लेने पर कार्रवाई की बात कही थी। जबकि केंद्र सरकार ने एक आरटीआई जवाब में कहा है कि कोविड टीका लेना स्वैक्षिक है। इसके साथ यह भी कहा गया था कि अगर आप कोविड का टीका नहीं लेते हैं तो सरकारी सुविधा, नागरिकता, नौकरी आदि नहीं रोका जा सकता है।
@NitishKumar @mangalpandeybjp केंद्र सरकार के अनुसार "Covid-19 का टीका स्वैच्छिक है". जबकि पटोरी BDO टीका नही लेने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई का आदेश जारी किया. Pls, Take NA. @yadavtejashwi @TejYadav14 @pappuyadavjapl @abpbihar @BiharHealthDept @News18India @Live_Hindustan pic.twitter.com/b9PMGPrTc5
— Surjeet Shyamal (@surjeetshyamal) May 4, 2021
BDO पटोरी ने शिकायतकर्ता सुरजीत श्यामल पर फर्जी FIR
जिसको आधार बनाकर न केवल हमने इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से की बल्कि अपने ब्लॉग के माध्यम से प्रकाशित कर लोगों को जागरूक भी किया। अपने पद का दुरूपयोग कर BDO पटोरी ने शिकायतकर्ता सुरजीत श्यामल पर फर्जी FIR तक दर्ज करवा दिया। यही नहीं बल्कि जल्दबाजी में आईटी एक्ट धारा 66ए लगाकर FIR दर्ज कर लिया। जबकि माननीय सुप्रीम कोर्ट ने श्रेया सिंघल बनाम भारत सरकार के आदेश 2015 में ही इस धारा को निरस्त कर दिया है। ऐसे देखें तो हमें डराने के लिए उनका यह FIR फुसफुसिया बम साबित हुआ।
हमने पटोरी एसडीओ से RTI में 20.10.2021 को पूछा कि BDO ने उपरोक्त आदेश केंद्र/बिहार सरकार के किस आदेश के आलोक में जारी किया था? यही नहीं बल्कि हमारी शिकायत पर आपके द्वारा क्या कार्रवाई की गई और जब पटोरी BDO पर आपराधिक आरोप/FIR दर्ज किया गया था तब उनको बिहार लोक सेवा संहिता नियम-100 के तहत निलंबित होना चाहिए था। जो कि कानून को ताख पर रखकर नहीं किया गया।
शिक्षकों को कोविड टीका नहीं लेने पर कार्रवाई
जिसका जवाब देते बचते रहें और जब DM समस्तीपुर के द्वारा SDO पटोरी को “सरकारी कार्य में लापरवाही” का नोटिस जारी हुआ, तब गोल-मोल और झूठा जवाब दिया है। जिसके पैरा 1 के जवाब में कहा कि उनको न तो “प्रखंड विकास पदाधिकारी, पटोरी का पत्रांक-281/पं, दिनांक 04.05.2021 अनुमंडल में प्राप्त है और न ही प्रखंड विकास पदाधिकारी, पटोरी द्वारा निर्गत पत्र से संबंधित आदेश कोई सरकारी आदेश प्राप्त है।” आप ऊपर चेक कीजिए यह पटोरी BDO का वही आदेश है जिसमें उन्होंने शिक्षकों को कोविड टीका नहीं लेने पर कार्रवाई की बात की थी।
BDO पर आपराधिक आरोप/FIR दर्ज होने पर निलंबन की कार्रवाई
यही नहीं बल्कि पटोरी BDO पर FIR के मामले में कह रहे हैं कि उनको जानकारी ही नहीं है जबकि हमने उनको FIR का कॉपी भी भेजा है और निलंबन की कार्रवाई डीएम समस्तीपुर के अधिकार क्षेत्र में आता है। जबकि पटोरी BDO पर आपराधिक आरोप/एफआईआर दर्ज होने पर निलंबन की कार्रवाई शुरू करवाने की जिम्मेदारी अनुमंडलाधिकारी की है। जिसको सरकारी काम में लापरवाही बरतते हुए नहीं किया गया। जिसकी आगे शिकायत की जाएगी।
अब ऐसे में आप ही सोचिए बिना सरकारी आदेश के कोई BDO अपने वरीय पदाधिकारी SDO के आंखों में धूल झोंककर इस तरह का गैरकानूनी आदेश जारी कर सकता है? जबकि इसकी शिकायत के बाद भी SDO साहब पिछले 1 साल से सो रहे हैं कि उनको पता ही नहीं। अरे हुजूर अब तो जागिए, पटोरी के जिम्मेदार पद पर बैठे हैं और आपके हाथों में ही अनुमंडल के लाखों लोगों की जिम्मेदारी है।
Bihar Teacher Covid Vaccine RTI Reply pdf
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