दिल्ली न्यूनतम वेतन अप्रैल 2022 मंहगाई भत्ता के लिए श्रम मंत्री से मांग की?

Minimum Wages in Delhi – अभी मई 2022 का महीना बीतने को है, मगर दिल्ली के मजदूरों का मंहगाई भत्ता जारी नहीं किया गया है। जिससे पुरे दिल्ली के तक़रीबन 50 लाख मजदूर परिवार प्रभावित है। ऐसे में हम पिछले महीने से ही दिल्ली न्यूनतम मजदूरी 2022 (मंहगाई भत्ता) जारी करवाने के लिए प्रयासरत हैं। अब दिल्ली श्रममंत्री से मजदूरों के न्यूनतम वेतन अप्रैल 2022 जारी करने की मांग उठानी पड़ी है। आइये जानते हैं कि पूरा मामला क्या है?

दिल्ली न्यूनतम वेतन अप्रैल 2022

आज पुरे देश में न केवल पट्रोल, डीजल, गैस सिलेंडर बल्कि खाने-पीने की चीजों का दाम आसमान छू रहा है। देश में कोविड के बाद मजदूरों की नौकरी से छंटनी के साथ मजदूरी में कटौती की जानकारी मिलती रहती है। जिस पर देश की नेशनल मीडिया का न तो ध्यान न तो जाता है और न ही आपके लिए वो कभी आवाज ही उठायेंगे। मगर हम ऐसे मुद्दों न केवल उठाते हैं बल्कि आपके साथ भी खड़े होते हैं।

दिल्ली न्यूनतम मजदूरी अप्रैल 2022

आज दिल्ली में कहने के लिए सैंकड़ों मजदुर यूनियन मौजूद हैं। जिसको आप हर महीने चंदा देते होंगे मगर उनका ध्यान भी ऐसी बातों पर नहीं जाता। खैर, हमने आज ही दिल्ली के श्रममंत्री श्री मनीष सिसोदिया को मंहगाई भत्ता अप्रैल 2022 जारी करने के लिए ईमेल किया है। आइये जानते हैं कि आखिर उसमें क्या लिखा है?

Minimum Wages in Delhi Latest News in Hindi

सेवा में,
श्री मनीष सिसोदिया,
माननीय श्रम मंत्री,
दिल्ली सरकार, नई दिल्ली
नमस्कार,

विषय दिल्ली सरकार द्वारा न्यूनतम वेतन अप्रैल 2022 का नोटिफिकेशन अविलंब जारी करने के संबंध में 

महोदय,

पुरे देश में महंगाई चरम पर है, जिससे दिल्ली भी अछूता नहीं है। ऐसे समय में दिल्ली में तरक़ीबन 50 लाख मजदुर न्यूनतम वेतन पर काम करते हैं। ऐसे उनको न्यूनतम वेतन मिलता है या नहीं तो जांच का विषय है। मगर आपके लेबर विभाग ने 2 महीना बीत जाने के बाद भी अप्रैल 2022 का महंगाई भत्ता का नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है। जिस देरी से दिल्ली के मजदूर काफी रुष्ट हैं। जिसके बारे में कहना है कि –

यह कि आपके लेबर विभाग द्वारा पिछले 02 वर्ष से महंगाई भत्ता जारी करने में जानबूझकर देरी किया जाता है। जिससे किसी न किसी रूप में दिल्ली के मालिकों को फायदा पहुंचाया जाता है। जबकि दिल्ली सरकार खुद को मजदूरों का हितैषी होने का दावा करती है।

यह कि दिल्ली सरकार ने मजदूरों के संघर्ष और मांग के बाद 39% न्यूनतम वेतन में वृद्धि की घोषणा की थी। जो कि कॉरपोरेट संगठन को रास नहीं आता और वो वेतन वृद्धि को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती देते हैं। जिसके बाद माननीय दिल्ली हाईकोर्ट के द्वारा न्यूनतम वेतन वृद्धि को निरस्त कर दिया जाता है।

यह कि जिसके बाद मजदूरों की मांग पर दिल्ली सरकार सुप्रीम कोर्ट गई और जीत मिली। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में दिल्ली सरकार के 39 फीसदी न्यूनतम वेतन वृद्धि को हरी झंडी दे दी।जबकि अभी तक पुरे दिल्ली में बढ़ा न्यूनतम वेतन पूरी तरह लागू नहीं हो पाया है।

यह कि न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948 के अनुसार 5 वर्ष में बाजार के महंगाई के अनुसार न्यूनतम वेतन रिवाइज होने का नियम है। यही नहीं बल्कि हर वर्ष एआईसीपीआई इंडेक्स (All India Consumer Price Index) में वृद्धि के अनुसार साल में दो बार महंगाई भत्ता अप्रैल और अक्टूबर को जारी किया जाता है।

यह कि पिछले 2 वर्ष से आपके लेबर विभाग के उदासीनता से महंगाई भत्ता समय पर जारी नहीं किया जाता है। आपके लेबर विभाग के अधिकारी बिना कारण जानबूझ कर पेंडिग कर देते हैं। जिसके लिए उनको हमारे द्वारा बारंबार विभिन्न माध्यमों से याद दिलाना पड़ता है। जो कि काफी शर्मनाक है और सरकारी काम में लापरवाही प्रतीत होता है। जिसके लिए जिम्मेदार अधिकारी पर कार्रवाई होनी चाहिए।

यह कि अभी दो महीना बीतने के बाद भी अप्रैल 2022 का महंगाई भत्ता जारी नहीं किया गया है। जिससे दिल्ली के मजदूर काफी परेशान हैं।

अतः, आपसे अनुरोध है कि दिल्ली के मजदूरों के हित में महंगाई भत्ते अप्रैल 2022 का नोटिफिकेशन अविलंब जारी किया जाए।

धन्यबाद।
अपीलकर्ता
सुरजीत श्यामल
लेबर एक्टिविस्ट

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आपको बता दें कि हमारे ईमेल भेजने के तकरीबन 13 मिनट बाद ही श्रममंत्री कार्यालय से दिल्ली लेबर कमिश्नर ऑफिस में मेल फॉरवर्ड कर कार्रवाई के लिए आदेश जारी किया गया है। अब देखना है कि इस आदेश को कब तक अमल में लाया जाता है।

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