Sahara India Supreme Court में पटना हाईकोर्ट के आदेश का उपडेट?

Sahara India Supreme Court – अभी बुधवार को ही सहारा इंडिया मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है। जिसमें माननीय सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के एक फैसले को रद्द कर दिया है। जिसमें सहारा प्रमुख को पटना हाईकोर्ट के समक्ष हाजिर होने का आदेश पारित किया गया था। जिसके बाद जमाकर्ताओं में निराशा छा गई है। आइये जानते हैं कि अब सहारा इंडिया का पैसा कब मिलेगा या सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से क्या फर्क पड़ेगा?

Sahara India Supreme Court Judgement Hindi

माननीय सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय  को व्यक्तिगत तौर पर पेश होने का निर्देश देकर पटना हाई कोर्ट ने अपने अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन किया है। यह केस अन्य लोगों की अग्रिम जमानत याचिका के लिए दाखिल किया गया था। जिसमें इस तरह का आदेश जारी कर उच्च न्यायालय ने अपने अधिकार क्षेत्र की सीमा लांघी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सुब्रत रॉय उस मामले में आरोपी नहीं थे, जो पटना उच्च न्यायालय के समक्ष था।

न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला की पीठ ने कहा कि यह गलत चलन है, जो बढ़ रहा है। जमानत के लिए दायर याचिका में आप उन मामलों की जांच करते हैं जो जमानत पर विचार के लिए अप्रासंगिक हैं। जमानत के लिए यह कैसे प्रासंगिक हो सकता है? या तो आप जमानत खारिज करें या मंजूर करें।

Supreme Court Sahara India hindi news today

सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसमें निवेशकों का पैसा वापस नहीं करने को लेकर बिहार के पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिया था कि वह सहारा प्रमुख को अदालत के समक्ष निजी तौर पर पेश करें। पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि उच्च न्यायालय को अन्य मुकदमों में इस तरह के आदेश पारित करने चाहिए थे, न कि दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 438 के तहत अधिकार क्षेत्र का इस्तेमाल करते वक्त।

सीआरपीसी की धारा 438 गिरफ्तारी की आशंका से बचने के लिए जमानत के निर्देश से संबंधित है। न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर ने कहा,अपने 22 साल के अनुभव में मैंने एक चीज सीखी है कि यह आपके अधिकार क्षेत्र से बाहर है। पीठ ने कहा, हम यह नहीं कह रहे हैं कि उच्च न्यायालय ऐसा नहीं कर सकता। यह (अदालत) कर सकता है, लेकिन उचित प्रारूप और अधिकार क्षेत्र के तहत। (धारा) 438 में नहीं।

Sahara India Supreme Court Latest News Hindi

बिहार सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि उच्च न्यायालय ने  रॉय को अभियुक्त नहीं बनाया है। उन्हें योजना पेश करने को कहा है कि आखिरकार वह निवेशकों का पैसा कैसे लौटाएंगे। पीठ ने कहा हम केवल यह कह रहे हैं कि ऐसा (धारा) 438 के तहत नहीं किया जाना चाहिए था। न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने उच्च न्यायालय ने अग्रिम जमानत का अनुरोध किया था और अदालत को केवल इस मामले पर विचार करना चाहिए था कि क्या जमानत मंजूर करने के लिए कोई प्रथम दृष्टया मामला बनता है या नहीं।

आपको बता दें कि पुरे देश के तकरीबन 10 करोड़ जमाकर्ताओं का तक़रीबन 86 हजार करोड़ रुपया सहारा इंडिया में फंसा है। जिसमें पढ़े लिखे से लेकर अनपढ़ लोगों तक शामिल हैं। जिनके साथ सहारा इंडिया के नाम पर एक बहुत बड़े फर्जीवाड़े को अंजाम दिया गया है। जिसकी जानकारी पुरे देश के लोगों को सर्वप्रथम फरवरी 2022 में वर्कर वॉयस डॉट इन के माध्यम से मिला। जिससे पुरे देश में धरना प्रदर्शन शुरू हो गया।

सहारा इंडिया पटना हाई कोर्ट का फैसला

जिसके बाद माननीय पटना हाईकोर्ट में सहारा इंडिया मामले की सुनवाई शुरू हो जाती है। जिसमें पहले तो पटना हाईकोर्ट के द्वारा सहारा इंडिया को जमाकर्ताओं का के पैसा क्यों नहीं लौटा रहे, पूछा जाता है। कोई उचित निदान नहीं मिलने पर सहारा प्रमुख सुब्रत राय को पटना हाईकोर्ट के समझ सदेह उपस्थित होने का आदेश दिया जाता है। पटना हाईकोर्ट के आदेश नहीं मानने पर सुब्रत राय के गिरफ्तारी का आदेश जारी होता है। जिस पर माननीय सुप्रीम कोर्ट के द्वारा उसी दिन रोक लगा दिया गया था।

Sahara India Supreme Court ka Faisla

अगर आप हमारे ब्लॉग को पहले से पढ़ते हैं तो हमने पटना हाईकोर्ट में सहारा इंडिया मामले की जानकारी काफी देर से दी थी। हमसे कई लोगों से पटना हाईकोर्ट में सहारा इंडिया मामले में केस लगाने का सुझाव भी माँगा था। जबकि हमने सबको साफ़ मना कर दिया था। हमारा शुरू से ही मांग है कि देश के करोड़ों गरीब जमाकर्ता लोग हैं। जिनके पास खाने के लिए पैसे ही नहीं है तो कोर्ट में केस लड़ने के लिए कहां से पैसे लाएंगे? हम तो चाहते हैं कि एसएफआईओ के द्वारा जो सहारा इंडिया फर्जीवाड़े की जांच की जा रही है। उसके तहत माननीय सुप्रीम कोर्ट के द्वारा जनहित में फैसला दिया जाना चाहिए। जिससे पुरे देश के जमाकर्ताओं का पैसा मिल सके।

Sahara India Supreme Court में पटना हाईकोर्ट के आदेश का उपडेट?

sahara india ka paisa kaise milega?

अगर आपका पैसा सहारा इंडिया में फैसा है तो अभी दिल्ली हाईकोर्ट ने पुरे देश के जमाकर्ताओं के लिए एक महत्वूर्ण फैसला दिया है। जिसमें आपको Delhi High Court ने सेंट्रल रजिस्ट्रार के ऑफिस में क्लेम करने को कहा गया है। अगर आपने अभी तक क्लेम नहीं किया है तो हमारे पूर्व के पोस्ट को पढ़ कर क्लेम कर सकते हैं। जिसमें हमने आपके लिए एक क्लेम एप्लीकेशन का पीडीएफ फॉर्मेट भी दिया है। अगर आपको कोई भी सवाल हो तो नीचे कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बतायेंगे।

यह भी पढ़ें-

Share this

4 thoughts on “Sahara India Supreme Court में पटना हाईकोर्ट के आदेश का उपडेट?”

    • हमारे ब्लॉग के होम पेज पर वीडियो का लिंक मिल जायेगा।

      Reply
    • हमारे ब्लॉग पर उपलब्ध है. आपको इसी पोस्ट में लिंक के माध्यम से मिल जायेगा

      Reply

Leave a Comment