Beti Bachao Beti Padhao Yojana | बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना

Beti Bachao Beti Padhao Yojana: बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना की शुरुआत, भारतीय प्रधानमंत्री श्री मोदी जी ने 22 जनवरी वर्ष 2015 को पानीपत में शुरू की थी। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के द्वारा बालिका बालक के लिंग अनुपात में कमी को रोकने के लिए किया गया है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना से महिलाओं के सशक्तिकरण को भी मजबूती मिलेगी। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना भारत के 3 मंत्रालयों द्वारा चलाई जा रही है। इसमें महिला और बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय तथा मानव संसाधन मंत्रालय शामिल है।

Beti Bachao Beti Padhao Yojana

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना में कई घटक शामिल है। प्रथम चरण में पीसी और पीएनडीटी एक्ट को लागू करने की तैयारी की जा रही है। इस चरण में राष्ट्रव्यापी जागरूकता और प्रचार अभियान चलाना सुनिश्चित किया गया है, और देशभर में 100 ऐसे जिलों को चुना गया है, जहां पर शिशु लिंगानुपात बहुत कम है। इन सभी संबंधित क्षेत्रों में युद्ध स्तर पर कार्य किया जाएगा। ताकि शिशु लिंग अनुपात में बढ़ोतरी की जा सके। बुनियादी स्तर पर इस योजना के तहत लोगों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि वह महिलाओं और बालिका शिशु के संबंध में संवेदनशील और जागरूक बने, तथा सामाजिक और सामुदायिक एकजुटता के माध्यम से लोगों की सोच को बदलने में सक्षम बनाया जा सके।

भारतीय सरकार की सजगता।

भारतीय सरकार कन्या शिशु के लिए समाज के नजरिए में, क्रांतिकारी बदलाव लाने की कोशिश कर रही है। भारतीय प्रधानमंत्री मोदी जी ने मन की बात में, हरियाणा के बीबीपुर के एक सरपंच की तारीफ की, जिसमें उन्होंने कहा कि सरपंच के द्वारा selfie with daughter child की जो पहल की शुरुआत हुई है,यह पहल हर पिता को अपनी पुत्री के साथ, सरपंच से प्रेरणा लेकर करनी चाहिए। प्रधानमंत्री जी ने लोगों से, बेटियों के साथ अपनी एक सेल्फी भेजने का भी निवेदन किया और यह पहल पूरे विश्व में लोकप्रिय हो गया। दुनिया भर के कई देशों के लोगों ने, अपनी बेटी के साथ सेल्फी खींची और उन्हें भेजा और यह पहल सबके लिए यह एक गर्व का अवसर बन गया।

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ रणनीतियां।

  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत बालिका और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए, सामाजिक आंदोलन चलाया जा रहा है। इसमें लड़के और लड़कियों के लिए समान अधिकर एवं मूल्य को बढ़ावा देने के लिए कार्य भी किया जा रहा है।
  • महिला एवं बालिकाओं के ऊपर हो रहे अत्याचारों और अपराधों की रोकथाम करना महिला और बालिकाओं को शिक्षा देना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने पर जोर देना, इन योजना का मुख्य उद्देश्य है।

स्थानीय पहल।

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना की शुरुआत के बाद, अब तक लगभग सभी राज्यों में multi-sectoral डिस्ट्रिक्ट एक्शन प्लान चलाने की कवायद हो रही है। कर्मचारियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को जिला स्तर के कार्यक्रमों में शामिल किया जा रहा है। और उन्हें प्रशिक्षण भी किया जा रहा जा रहा है।

यह कार्यक्रम इतना अच्छा चल रहा है, कि अप्रैल 2015 से अक्टूबर 2015 तक 9 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित हुए, जिसमें सभी राज्य और संघ राज्य क्षेत्रों के महिला और बाल विकास मंत्रालय को शामिल किया जा चुका है।

बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ योजना में पिथौरागढ़ जिले ने भी, बालिका शिशु को बचाने और उनकी शिक्षा के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की है। कई राज्यों ने जिले और ब्लॉक स्तर पर कई संस्थाएं नियुक्त की है। इन संस्थाओं में समय-समय पर बैठकर आयोजित की जाती हैं, और शिशु लिंग अनुपात से संबंधित जरूरी रूपरेखा को तैयार किया जाता है। जिले में बड़े स्तर पर संगठन के लोगों से संपर्क किया जा रहा है। और इस योजना को व्यापक रूप से पूरे राज्य में प्रचारित किया जा रहा है। ताकि लोग बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के तहत जागरूक हों। अलग-अलग स्कूलों सैनिक स्कूलों और सरकारी कर्मचारियों से भी उनकी हिस्सेदारी को बढ़ाने की अपील की जा रही है।

पिथौरागढ़ में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान।

पिथौरागढ़ में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के बारे में, जागरूकता बढ़ाने के लिए नुक्कड़ नाटक आयोजित किए जा रहे हैं। यह नुक्कड़ नाटक गांव शहरों और बाजारों में किए जा रहे हैं, ताकि दर्शकों के एक बड़े वर्ग को जागरूक किया जा सके। कहानी मंचन के द्वारा, लिंग आधारित गर्भपात की समस्या के बारे में भी दर्शकों को जागरूक किया जा रहा है। शिशु बालिका से जुड़े मुद्दों पर और उनके जीवन में जिन कठिनाइयों का सामना उन्हें करना पड़ता है, उसके बारे में भी नुक्कड़ नाटक में बहुत अच्छे से उन समस्याओं का वर्णन किया जाता है। कई विद्यालयों में शपथ समारोह, हस्ताक्षर अभियान, के माध्यम से विद्यार्थियों और अन्य सैनिक कर्मियों को भी बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का संदेश दिया जा रहा है।

पंजाब में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ।

पंजाब में मानसा जिले में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के, तहत लड़कियों को पढ़ाई करने के लिए प्रेरित करना शुरू किया है। मनसा जिले में उड़ान योजना के तहत छठी से लेकर 12वीं कक्षा की बालिकाओं से प्रस्ताव भी आमंत्रित किए हैं। इन छात्राओं को 1 दिन के लिए प्रोफेशनल व्यक्ति के तौर पर समय बिताने का मौका दिया जाता है। इससे वह जीवन में जो भी बनना चाहती हैं, इसके लिए उन्हें प्रेरणा मिल सके पंजाब में यह पहल काफी लोकप्रिय हुई है। इस तरह 700 से अधिक छात्राओं को प्रोफेशनल बनकर 1 दिन बिताने का अवसर मिला है। जिसमें वह एक पेशेवर वातावरण में कार्य करते हुए अपने भावी कैरियर का चयन कर सकती हैं।

Beti Bachao Beti Padhao Yojana Highlights

योजना का नाम बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना
किसने आरंभ की भारत सरकार
लाभार्थी भारत के नागरिक
उद्देश्य लिंगानुपात में सुधार करना
आधिकारिक वेबसाइट https://wcd.nic.in/bbbp-schemes
साल 2023

बेटी बचाओ। बेटी पढ़ाओ योजना उद्देश्य।

हमारे देश में आज भी लड़कियों के प्रति सदियों पुरानी सोच और परंपरा चल रही है, जिसका असर देश के आर्थिक विकास पर भी देखा जा सकता है। लड़कियों का कम पढ़ा लिखा होना या अनपढ़ लड़कियां गिरता हुआ, लिंग अनुपात और जीवन में असमानता लड़कियों के लिए एक जटिल समस्या है। भारत सरकार ने लड़कियों और महिलाओं की इसी समस्या को देखते हुए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, अभियान शुरू किया था, ताकि बेटियों के प्रति सकारात्मक सोच को बढ़ावा दिया जा सके और उन्हें कुछ ऐसे अधिकार दिए जा सके। जिससे उनका सर्वांगीण विकास हो सके।

मुख्य पहलू बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ।

  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के तहत, सभी बालिकाओं को शिक्षा का समान अधिकार और शिक्षा के लिए प्रेरित करना शुरू किया गया है। इसका एकमात्र उद्देश्य बालिकाओं के लिए बुनियादी शिक्षा की सुविधा उपलब्ध कराना है। इससे महिलाओं में सशक्तिकरण बढ़ेगा।
  • बेटी बचाओ अभियान के तहत युवाओं को भी शिक्षा प्रदान की जा रही है, ताकि वह महिलाओं के समान अधिकार के लिए आगे आए।
  • बालिकाओं के गिरते लिंगानुपात के लिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना में कई जरूरी कार्यक्रम शुरू किए गए हैं।
  • इस योजना में बालिकाओं को शोषण से बचाना और सही तथा गलत विषयों के बारे में जानकारी दी जा रही है।
  • भारत ने बालिकाओं के लिए जागरूकता पैदा की जा रही है, और उनके लिए कल्याणकारी सेवाओं में सुधार किए जा रहे हैं।
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत, कन्या भ्रूण हत्या को भी रोकने की कोशिश के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
  • बालिकाओं को पढ़ाई के साथ-साथ, अन्य क्षेत्रों में भी आगे बढ़ाने और उनकी भागीदारी को सुनिश्चित करना इस योजना का मुख्य लक्ष्य है।
  • समय-समय पर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत जिला ब्लाक, स्टेट स्तर और क्षेत्रीय योजनाओं की समीक्षा भी की जा रही है।

निगरानी और लक्ष्य।

बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत वर्ष 2015 से लेकर अब तक लिंग अनुपात में हर साल 2 अंक का सुधार हुआ है। इस योजना के तहत बालिकाओं के लिए एक सुरक्षात्मक वातावरण बनाने की कोशिश की जा रही है। अभियान के तहत कुछ जिलों को चयनित किया गया है, जिसमें हर लड़की को शौचालय प्रदान करना सुनिश्चित किया जा रहा है। माध्यमिक शिक्षा में लड़कियों का नामांकन 82 % तक बढ़ा है।

भारत में 1961 से लेकर वर्ष 2011 तक प्रति हजार लड़कों में 945 लड़कियां रह गई थी, जो कि एक गंभीर चिंता का विषय बन गया था। इस योजना में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के लिए लोगों की मानसिकता में बदलाव लाना और महिलाओं की सुरक्षा एवं सशक्तिकरण के लिए कार्य करना भी सरकार ने सुनिश्चित किया है। इस अभियान के आरंभ होने के बाद बहुत सारे राज्यों में बहुत छेत्रिय जिला कार्यालय में कई योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। जिला स्तर पर भी सभी अधिकारी और कार्यकर्ता अपनी क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए कई प्रशिक्षण कार्य भी चला रहे हैं। अक्टूबर 2015 से सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में महिला और बाल विकास मंत्रालय ने कई तरह के प्रशिक्षण कार्य आयोजित किए, जो लगातार सफल भी हो रहे हैं।

निष्कर्ष |

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के लिए कोई आवेदन नहीं किया जाता है। बल्कि यह एक सामाजिक जागरूकता का आभियान है। यदि कोई आपको सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए कहे तो आप ऐसे लोगों से गंभीर रूप से सतर्क रहें। हां, सुकन्या समृद्धि योजना का फायदा आप जरूर उठा सकते हैं। सुकन्या समृद्धि योजना, लाडली लक्ष्मी योजना, बेटी है अनमोल योजना, कन्या विवाह अनुदान योजना और भाग्यलक्ष्मी योजना उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा चलाई जा रही हैं। लेकिन इन योजनाओं का उद्देश्य बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ अभियान से नहीं जुड़ा हुआ है।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान से जुड़े कुछ जरूरी प्रश्न।

Qबेटी बचाओ योजना का उद्देश्य क्या है?
Ans.बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का उद्देश्य समाज में बालिका शिशु के लिए सोच में बदलाव लाना है, उन्हें शिक्षा का अधिकार और गिरते लिंगानुपात के जरिए समानता प्रदान करना है। यह योजना महिला एवं बाल विकास मंत्रालय स्वास्थ्य मंत्रालय और परिवार कल्याण मंत्रालय तथा मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही है।

Q-बेटी बचाओ योजना कब शुरू हुई है?
Ans-बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की शुरुआत, 22 जनवरी 2015, को हुई इस योजना का शुभारंभ भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने किया है। इस योजना में लड़कियों के गिरते लिंगानुपात में कमी लाना है।

Q-बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के बारे में ज्यादा जानकारी कहां मिलेगी?
Ans-बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के बारे में ज्यादा जानकारी आपको भारत सरकार की सरकारी वेबसाइट पर मिलेगी। यहां पर आप बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियों से अवगत हो सकते हैं।

Q-क्या बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, अभियान के तहत लड़कियों के लिए सुकन्या समृद्धि योजना लाडली लक्ष्मी योजना चलाई जा रही हैं?
Ans-नहीं, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत भारत सरकार की तरफ से कोई भी सरकारी योजना नहीं चलाई जा रही है। यह केवल एक अभियान हैं। जिसमें लड़कियों के गिरते लिंगानुपात और उनके सशक्तिकरण को मजबूती देने के लिए शुरू किया गया है।

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