संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, खुशखबरी

Contract Employees Regularisation Supreme Court Judgement: सुप्रीम कोर्ट ने संविदा कर्मचारियों के हक़ में 12 मार्च 2024 को एक ऐतिहासिक फैसला दिया है। जिसके तहत बारहमासी/स्थाई प्रकृति के काम नियोजित कर्मचारियों को कॉन्ट्रैक्ट लेबर एक्ट अधिनियम, 1970 के तहत कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी नहीं माना जा सकता, जिससे उनको नियमितीकरण के लाभ से वंचित किया जा सके। आइये विस्तार से जानते हैं?

Contract Employees Regularisation Supreme Court Judgement in Hindi

जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा और जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि बारामासी या स्थाई प्रकृति का काम अनुबंध कर्मचारी से नहीं लिया जा सकता है, ऐसे में उन्हें स्थाई किया जाना चाहिए।

आखिर क्या है पूरा मामला?

आपको बता दें कि उक्त मामला कोल इंडिया लिमिटेड की सहायक कंपनी महानदी कोलफील्ड्स/अपीलकर्ता द्वारा 32 नियोजित श्रमिकों में से 13 को नियमित करने से इंकार से समबंधित है। जिन्हे प्रबंधन द्वारा बारहमासी काम करते हुए भी अनुबंध श्रमिक माना गया। उक्त कंपनी के द्वारा नियोजित कुल 32 श्रमिकों में से मात्र 19 को परमानेंट किया गया और 13 को इस आधार पर नियमित करने से इंकार कर दिया गया कि वो काम आकस्मिक है और नियमित और बारहमासी नहीं है। जिससे वो कॉन्ट्रैक्ट लेबर एक्ट के तहत नियमित नहीं हो सकते।

वर्कर्स यूनियन के तरफ से 13 श्रमिकों के परमेनेन्सी के लिए अपील पर समझौता हुआ, जबकि प्रबंधन ने केवल 19 श्रमिकों के नियमितीकरण पर विचार किया और 13 श्रमिकों को नियमित करने से इंकार कर दिया।

जिसके बाद यूनियन के तरफ से मामला रीजिनल लेबर कमिश्नर (सेंट्रल) के बाद सीजीआइटी (लेबर कोर्ट) में भेजा गया। जिसके बाद सेंट्रल ट्रिब्यूनल ने 13 श्रमिकों के काम की प्रकृति को 19 श्रमिकों के काम के समान माना, इसलिए वो अन्य 19 श्रमिकों को प्रदान की गई बकाया मजदूरी और नौकरी के नियमितीकरण के हकदार हैं। ट्रिब्यूनल ने अपने आदेश में बंकर के नीचे, रेलवे साइडिंग में गंदगी हटाने का काम 13 श्रमिकों के (बंकर में) ढलानों का संचालन को बारहमासी( बारहो महीना चलने वाला)/स्थाई प्रकृति का माना।

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Supreme Court Judgement on Contractual Employees

सेंट्रल ट्रिब्यूनल का फैसले को प्रबंधकों के द्वारा हाईकोर्ट में चुनौती दिया गया। जिसको हाईकोर्ट ने ख़ारिज करते हुए ट्रिब्यूनल के फैसले को बरकरार रखा। जिसके बाद महानदी कोलफील्ड्स ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपीलकर्ता प्रबंधन ने यह तर्क प्रस्तुत किया कि ट्रिब्यूनल के पास श्रमिकों को स्थायी दर्जा देने की कोई शक्ति नहीं है, क्योंकि अपीलकर्ता और प्रतिवादी और श्रमिक यूनियन के बीच समझौता को सभी पक्ष मनाने को बाध्य हैं।

जस्टिस पीएस नरसिम्हा ने प्रबंधक के इस तरह के फैसले को खारिज कर 13 श्रमिकों को परमेनेन्सी के केंद्रीय ट्रिब्यूनल के आदेश को बरक़रार रखा। जिसमें फैसले के प्रभाव के दिन से पिछला वेतन प्रदान करने का निर्देश जारी किया गया था।

माननीय सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शेष कर्मचारी नियमित कर्मचारी के समान स्तर पर खड़े हैं और उन्होंने गलती से समझौते का हिस्सा नहीं बनाया गया। यह ट्रिब्यूनल द्वारा 19 कामगारों के पहले समूह और अन्य 13 कामगारों के काम की प्रकृति की जांच करके स्थापित किया गया।

संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, खुशखबरी

कोर्ट ने आगे अपने आदेश में आगे कहा कि अपीलकर्ता श्रमिकों के दो समूहों के बीच अंतर स्थापित करने में विफल रहा। इसलिए सेंट्रल का संदर्भ का जवाब देना और यह निष्कर्ष देना उचित है कि वे नियमित कर्मचारियों के समान ही स्थिति रखते हैं।

बकाया वेतन के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने माना कि श्रमिक बकाया वेतन के हकदार होंगे, जैसा कि औद्योगिक न्यायाधिकरण (CGIT) ने कहा। हालांकि, न्यायाधिकरण का आदेश इस हद तक संशोधित किया गया कि बकाया वेतन की गणना ट्रिब्यूनल के आदेश से न कि रोजगार की तारीख से की जाएगी। उपरोक्त आधार के आधार पर अपील खारिज कर दी गई।

SC ORDER 

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38 thoughts on “संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, खुशखबरी”

  1. This is for your kind information that we are FMS, working as outsourced in NICNET project under National Informatics Centre (NIC) , Ministry of Electronics and Information Technology in all the districts of India for the last 10-12 years. And nowadays we are not receiving our salary on time. As per HR of the vendor company named Ebix Cash, NIC has not released funds timely every month.Further NIC is in the process of empanelment of New Vendor through GeM, as mandated by Govt of India for 100 percent on GEM. With this process NIC would have a GeM empaneled vendor for continuous support of FMS at all district centres PAN India.
    So Sir kindly help us in our case to resolve the issue as this issue is continuing for every month now from Last February 2023 and this is leading to our financial issue.

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  2. Good day sir

    Sir we are also worker in GAIL india limited as a ptwcl from last 30 years we need ur help

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  3. I am working in Nestle india as an contract employee from last 20 year what is the impact of this judgement on me?

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    • Sir iam working as contract basis 11 month extension in Ayush hospital andaman Island port balir under National Ayush Mission since 7 years ….sir please i request to all ayush staff who have been working since many years as contact basis….please kindly I request to permanent basis to National ayush mission under ministry of ayush…..

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  4. Sir i am working as contract basis 08 years in NALCO MINES, Damanjodi, ODISHA. sir please i request to all Nalco contract worker who have been working since many years as contact basis….please kindly I request to permanent basis to NALCO

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  5. Sir I am working on State Bank Of India as a casual labour since Last 14 Years on April 2012. Not only me thousands of peoples working SBI as a contract labour, we work every type of field like clerical work, messenger work, housekeeping work but they only shows me unskilled labour and gave me unskilled labour salary, except Sunday and national holidays we don’t get any leave, if we take any leave for illness purpose they cut 1 day salary in our monthly salary. After year ending If any branch performed loss they leave the worker and reduce our salary. We are facing this problem last 14 years, Please help us and guide us for releave this problem.
    Your kind attention in this regard is highly appreciable.

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      • I m in Kolkata airport… housekeeping boy…10 years unskilled employee contecule tander…humara kya permanent hoga kya sir????

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          • फिर आपसे राय लेने का क्या फायदा जब सब सरकार को ही करना है।
            सरकार तो कभी नही चाहेगी।
            सर कृपया कोई लीगल तरीका हो तो बताएं।
            वैसे तो हम भी जानते हैं कि सरकार चाहे तो।

          • पूरा कहानी पोस्ट में लिखा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने कैसे और किस मामले में आदेश दिया। जिसके बाद आपने जो पूछा उसी का जवाब दिया गया है.

  6. We want your help
    We working since 15-16years on state bank of India as. House keeping under vendor

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  7. Worked as a Contractual Pharmacist at Railway hospital for more than 6 years, before COVID, during COVID and after COVID.
    Suddenly terminated from job.
    During COVID pandemic we worked without break for more than 2 years.
    Now jobless…
    Is there any hope for us??

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  8. Sir
    SBI Bank me Jo ATM caretaker hai unko bhi iska fayda milega ya nahin 12 ghante duty hai chhutti koi nahin hai

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  9. नमस्कार सर जी!
    मैं सीबीएसई बोर्ड (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड {पटना} )में काम कर था पिछले 12 से 14 साल से । हम लोगो ने कोर्ट केस भी कर रखा है परंतु हमारे देश की गजब का कानून है, इंसाफ आते आते लगता है जिंदगी खत्म हो जाएगा बच्चो का भविष्य खराब हो जायेगा है, माता पिता की पैसे के कारण असमय मृत्यु हो जायेगी।
    जो कानून सरकार खुद बनाती है उसको पाने के लिए हमारे चप्पल घिस जाते है ऐसा क्यों ?
    इसका जवाब कौन देगा कृपया बताए?

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    • दोषी हम खुद हैं, क्योकि चुनाव में अपने असल मुद्दों पर वोट नहीं करते.

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  10. मैं प्रभा रानी उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले में उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन(National Health Mission)के तहत संविदा के पद पर स्टाफ नर्स के रूप में 25मार्च 2013 से लगातार बारह मासी रूप से कार्यरत हूं। क्या मेरा भी परमानेंट हो सकता है? क्या मुझे नियमित किया जा सकता है?

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  11. I am santosh kumar singh. I am working as Indra awaas sahayak in Bihar government since 2014.can we will be also permanent job or not.

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  12. हम nmdc steel नगरनार बस्तर छतीसगढ़ मे क्रेन आपरेटर के पद पर पिछले छः सालो से कार्यरत है l हर साल हमारा कांट्रेक्ट एक साल के लिए बढ़या जाता हैं l हमलोग को साल मे केवल 12cl मिलता है प्रमोसन नहीं होता होता है l क्या हमलोग केश कर सकते है उसके लीये लीगल एडवोकेट बताइये और अपना मोबाइल नंबर दीजिये l हमलोग छः सौ कर्मचारी हैं l

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    • आप जिस दिन 600 कर्मचारी एकमत हो जायेंगे उस दिन आपको किसी वकील की जरूरत नहीं पड़ेगी

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  13. Hello Sir,

    I am working in Ministry of External Affairs as a clerk on Contract basis from 2009 to till date. Will I benefit from this judgment of Supreme Court.

    Thanks and regards

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