मोदी सरकार ने सहारा श्री सुब्रत राय की मौत के बारे में RTI में क्या जवाब दिया

Sahara India Subrata Roy Latest News: देश के करोड़ों जमाकर्ताओं का पैसा सहारा इंडिया में फंसा है। जबकि पिछले साल ही सहारा श्री सुब्रत राय की मौत की खबर आई। जिसके बाद अधिकतर सहारा जमाकर्ता निराश हो चुके हैं। जबकि सुप्रीम कोर्ट के सुनवाई में जब सहारा श्री सुब्रत राय की मौत की जानकारी नहीं दी गई तो ऐसे में एक RTI से पूछा गया। आइये जानते हैं कि आखिर क्या पूछा गया मोदी सरकार ने क्या जवाब दिया?

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सुब्रत रॉय का निधन 14 नंबर की रात को मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में हुआ था। जिसकी खबर बीबीसी ने लिखते हुए उनको 75 साल का बताया था और साथ ही लिखा कि उनको दूसरे दिन अंतिम संस्कार के लिए लखनऊ लाया जायेगा।

दैनिक भास्कर के रिपोर्ट के अनुसार सुब्रत रॉय 4 मार्च 2014 को जेल गए थे। उनकी मां के मौत के बाद अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए 6 मई 2016 को पैरोल दी गई थी। जिसके बाद सूत्रों के अनुसार वो पैरोल पर ही चल रहे थे कि अचानक उनकी मौत की खबर से सबको चौंका दिया।

जिसके बाद मोदी सरकार के द्वारा सुप्रीम कोर्ट में केस लिस्ट होने के एक दिन पूर्व 22 अप्रैल 2024 को मेंशन कर सुनवाई के दौरान सुब्रत रॉय के मौत की जानकारी न देकर सितम्बर महीने का डेट ले लिया गया, जो कि काफी अटपटा सा लगा। जिसके बाद सुरजीत श्यामल के द्वारा गृह मंत्रालय से RTI Act 2005 के तहत जानकारी की मांग की गई। जिसको सहकारिता विभाग में ट्रांसफर कर दिया गया।

सुरजीत श्यामल ने अपने आरटीआई में पूछा कि “पुरे देश के गरीब जनता का सहारा इंडिया के नाम पर पैसा लेकर गबन करने वाले सहारा इंडिया प्रमुख महाठग सुब्रत रॉय के बारे में निम्न जानकारी उपलब्ध कराया जाए-

  1. क्या सहारा इंडिया प्रमुख सुब्रत रॉय का निधन हो चुका है, अगर हाँ तो उनके के निधन के तिथि और समय के साथ सर्टिफाइड साक्ष्य उपलब्ध कराएं?
  2. क्या सुब्रत रॉय के मृत्यु के बाद कोर्ट/प्रशासन की निगरानी में पोस्टमार्टम हुआ था, अगर हाँ तो सरकारी अस्पताल के पोस्टमार्टम रिपोर्ट का सर्टिफाइड कॉपी प्रदान करें?
  3. क्या सुब्रत रॉय के पोस्टमार्टम का वीडियोग्राफ़ी कराया गया था, अगर हाँ तो उसका सीडी उपलब्ध कराया जाए। अगर नहीं तो दोषी अधिकारी का नाम और पद और विभाग का नाम व् पता बतायें?
  4. क्या सुब्रत रॉय के मृत्यु की जानकारी माननीय सुप्रीम कोर्ट के केस नंबर PET.(C) No. 1820-1822/2017 in CONMT. PET.(C) No. 413/2012 In C.A. No. 9833/2011 में दी गई है, अगर हाँ तो साक्ष्य उपलब्ध करायें। अगर नहीं तो दोषी अधिकारी का नाम और पद और विभाग का नाम व् पता बतायें?”

आपको जानकर आश्चर्ज होगा कि अमित शाह के सहकारिता मंत्रालय ने क्या जवाब दिया। लोक सूचना अधिकारी ने अपने जवाब में लिखा है कि –

कृपया अपने आवेदन दिनांक – 27.04.2024 के संदर्भ में निम्रानुसार सूचना प्राप्त करेंः
बिंदु संख्या (1) से (4): सूचना के अधिकार अधिनियम, 2005 धारा 2(एफ)में परिभाषित प्रारूप में जानकारी नहीं मांगी गई है। अतः वांछित सूचना उपलब्ध नही है।

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मोदी सरकार ने सहारा श्री सुब्रत राय की मौत के बारे में RTI में क्या जवाब दिया

जबकि सूचना के अधिकार अधिनियम, 2005 धारा 2(एफ): ‘‘सूचना‘‘ का अर्थ है किसी भी रूप में कोई भी सामग्री, जिसमें रिकॉर्ड भी शामिल है, दस्तावेज, मेमो, ई-मेल, राय, सलाह, प्रेस विज्ञप्ति, परिपत्र, आदेश, लॉगबुक, अनुबंध, रिपोर्ट, कागजात, नमूने, मॉडल, किसी भी इलेक्ट्रॉनिक में रखी गई डेटा सामग्री किसी भी निजी निकाय से संबंधित फॉर्म और जानकारी किसी लोक सूचना अधिकारी की पहुंच हो सकती है, किसी रूप में कोई समाग्री अभिप्रति है।

अब ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर मोदी सरकार क्या छुपाने की कोशिश कर रही है? हालांकि, इस RTI का प्रथम अपील लगा दिया गया है और उक्त आवेदन में रिकॉर्ड की मांग की गई है। जो कि देश के करोड़ों निवेशकों के हित से जुड़ा है। अब देखना है कि सरकार के द्वारा आगे क्या जवाब दिया जाता है।

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