पुरे देश के जमाकर्ताओं के साथ सहारा इंडिया के नाम पर बहुत बड़ा स्कैम हुआ है। जिसके तहत विभिन्न मिडिया के द्वारा 14 नवंबर 2023 को घोटाले के मुख्य आरोपी सुब्रत रॉय की मौत की खबर आई। अब सहारा श्री सुब्रत रॉय के मौत का प्रमाण मांगने पर सरकार का चौंकाने वाला जवाब आया है, जिससे आपके पैर तले जमीन खिसक जाएगी?
सहारा श्री सुब्रत रॉय के मौत का प्रमाण मांगने
पुरे देश से सहारा इंडिया के नाम पर पैसा जमा करवाकर पहले क्यू शॉप और फिर विभिन्न सोसाइटियों में कन्वर्ट कर दिया गया। जिसके मुख्य आरोपी सुब्रत रॉय को सुप्रीम कोर्ट का आदेश नहीं मानने के कारण जेल भी जाना पड़ा था। जो कि पैरोल पर बाहर आये तब से बाहर ही थे। अब जब हमने सहारा इंडिया फर्जीवाड़े का भंडाभोड़ किया। उसके बाद सरकार पर जामकर्ताओं के पैसा वापसी के लिए दबाव बढ़ गया।
यह कि विभिन्न मीडिया के द्वारा 14 नवंबर 2023 को सुब्रत राय की मौत की खबर चलाई गई। जिससे अधिकतर लोग तो यह सोच लिए कि अब पैसा मिलाना संभव नहीं है। जिसके बाद सहारा श्री सुब्रत रॉय के मौत की खबर सुनकर सरकार ने भी लापरवाही दिखाई। जिसको उजागर करने के लिए सुरजीत श्यामल के द्वारा दिनांक 27.04.2024 को गृहमंत्रालय में निम्न आरटीआई लगाया गया-
Sahara Shri Subrata Roy Death Proof?
पुरे देश के गरीब जनता का सहारा इंडिया के नाम पर पैसा लेकर गबन करने वाले सहारा इंडिया प्रमुख महाठग सुब्रत रॉय के बारे में निम्न जानकारी उपलब्ध कराया जाए-
- क्या सहारा इंडिया प्रमुख सुब्रत रॉय का निधन हो चुका है, अगर हाँ तो उनके के निधन के तिथि और समय के साथ सर्टिफाइड साक्ष्य उपलब्ध कराएं?
- क्या सुब्रत रॉय के मृत्यु के बाद कोर्ट/प्रशासन की निगरानी में पोस्टमार्टम हुआ था, अगर हाँ तो सरकारी अस्पताल के पोस्टमार्टम रिपोर्ट का सर्टिफाइड कॉपी प्रदान करें?
- क्या सुब्रत रॉय के पोस्टमार्टम का वीडियोग्राफ़ी कराया गया था, अगर हाँ तो उसका सीडी उपलब्ध कराया जाए। अगर नहीं तो दोषी अधिकारी का नाम और पद और विभाग का नाम व् पता बतायें?
- क्या सुब्रत रॉय के मृत्यु की जानकारी माननीय सुप्रीम कोर्ट के केस नंबर PET.(C) No. 1820-1822/2017 in CONMT.PET.(C) No. 413/2012 In C.A. No. 9833/2011 में दी गई है, अगर हाँ तो साक्ष्य उपलब्ध करायें। अगर नहीं तो दोषी अधिकारी का नाम और पद और विभाग का नाम व् पता बतायें?
अमित शाह के गृह मंत्रालय ने जवाब नहीं देकर RTI को सहकारिता मंत्रालय को भेज दिया। जिसके बाद सहकारिता मंत्रालय के जनसूचना अधिकारी ने गैरकानूनी तरिके से दिनांक 20.05.2024 को आरटीआई एक्ट 2005 की धारा 2एफ का हवाला देकर सूचना देने से इंकार कर दिया।
प्रथम अपीलीय अधिकारी ने दिनांक-13.06.2024 का आवेदन में कहा कि यह उनके विभाग से संबंधित नही है इसलिए आवेदन को संबंधित विभाग में अग्रसारित किया जा रहा है। उसके बाद सहकारिता मंत्रालय के द्वारा कॉर्पोरेट मंत्रालय को दिनांक-01.07.2024 को और फिर दिनांक-23.07.2024 को सेबी के पास भेजा गया। अब जाकर सेबी ने सहारा श्री सुब्रत रॉय के मौत पर चौंकाने वाला जवाब दिया है, आइये सबूत समेत जानते हैं?
सरकार ने चौंकाने वाला जवाब
- प्रश्न संख्या 1 का उत्तर – सेबी के पास मृत्यु की तारिख और समय के प्रमाणित सबूत से संबंधित सूचना उपलब्ध नहीं है। फिर भी, दिल्ली पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, यह सूचित किया गया था कि सुब्रत रॉय की मृत्यु हो चुकी है।
- प्रश्न संख्या 2 एवं 3 का उत्तर- मांगी गई सूचना सेबी के पास उपलब्ध नहीं है।
- प्रश्न संख्या 4 का उत्तर- सेवी ने अवमानना याचिका (सीपीसी संख्या 2017 की 1820-1822) और सिविल अपील में (C.A.NO. 9833/2011) अवमानना याचिका (C) No. 413/2012) के मामले में प्रत्यर्थी (श्री सुब्रत रॉय सहारा) की मृत्यु की सूचना माननीय उच्चतम न्यायालय को नहीं दी है।
सिविल प्रकिया संहिता (सीपीसी) के आदेश संख्या 22 के नियम 10 क (10ए) में कुछ इस प्रकार से जिक्र किया गया है:
किसी पक्षकार (पार्टी) की मृत्यु की जानकारी देने में जिम्मेदारी उनके वकील (प्लीडर) की होगी – जब भी किसी मुकदमें में किसी पक्षकार की ओर से पैरवी करने वाले वकील को उस पक्षकार की मृत्यु हो जाने का पता चलता है, तो उसे इसकी सूचना न्यायालय को देनी होगी, और फिर न्यायायलय को उस पक्षकार की मृत्यु की सुचना (नोटिस) दूसरे पक्षकार को देनी होगी और इस संबंध में यह माना जायेगा कि वकील और पक्षकार (जिसकी मृत्यु हो गई हो) के बीच कॉन्ट्रैक्ट जारी है।
उपरोक्त प्रावधानों के अनुसार सेबी को इस मामले के संबंध में कोई भी सूचना (नोटिस) नहीं मिली है।
सहारा श्री सुब्रत रॉय के मौत का प्रमाण मांगने पर सरकार ने चौंकाने वाला जवाब
अब ऐसे में मोदी सरकार पर बड़ा सवाल उठता है कि जो आपके पैसे वापसी की गारंटी ले रहे थे। उनके किसी भी मंत्रालय को आपके गाढ़ी कमाई का लुटेरा सुब्रत राय की मौत का पता ही नहीं है। जबकि देश में जितने सुब्रत रॉय के खिलाफ FIR दर्ज है, उसके अनुसार आप सरकार के इस जवाब से कितना संतुष्ट हैं तो कमेंट में लिखकर जरूर बताइये और इस पोस्ट को हर जमाकर्ताओं तक पहुंचाने में मदद करें।
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Gareeb janta ka mehnat ka paisa khane wale ye thag to maha thag hain hi lekin sarkaar k ye upkarm Or in thago ko bachane vale bhi barabar k gunahgaar hote hain
Right
Sahara Qshop me jama paise ki vapasi ke liye kya prosidger hai please bataye
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