Bihar Jamin Survey मामला फंस गया, बिना गजट नोटिफिकेशन के कर दिया

बिहार राज्य के 45000 मौजों का जमीन सर्वे शुरू किया गया है। जबकि अब Bihar Jamin Survey मामला फंस गया, सरकार के द्वारा बिना गजट नोटिफिकेशन एक ऐसा काम कर दिया है। जिससे आने वाले समय में आपको भारी मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है। जिसका खुलासा एक RTI में हुआ है, आइये प्रूफ के साथ जानते हैं कि पूरा मामला क्या है?

Bihar Jamin Survey मामला फंस गया?

अनुरुद्ध कुमार का जमीन भूमाफिया ने रिवीजनल सर्वे में अपने नाम करवा कर हथिया लिया था। जिसके लिए वो दरभंगा पता करने गए। उनको मौखिक बताया गया कि अभी विशेष सर्वे होने वाला है। जो कि पुराने सर्वे के आधार पर होगा और रिवीजनल सर्वे का कोई मान्यता नहीं है। उन्होंने विभाग से यह बात लिखित में लेने के लिए RTI Act का सहारा लिया।

बिहार में जमीन सर्वे पुराने किस सर्वे के आधार पर होगा?

आपके मन में भी सवाल आ गया होगा कि आखिर बिहार में जमीन सर्वे 2024 पुराने किस सर्वे के आधार पर होगा। आपको जानकर हैरानी होगी कि मुख्य रूप से यही बात अनुरुद्ध ने भी बंदोबस्ती विभाग से अपने RTI में पूछा था। जिसका जवाब नहीं दिया गया तो उन्होंने प्रथम अपील लगाया। जिसके बाद भी कोई जवाब नहीं मिलने पर बिहार राज्य सूचना आयोग के पास आरटीआई एक्ट के तहत शिकायत किया। जिसके बाद उनको एक ही अधिकारी के द्वारा अलग-अलग जवाब प्राप्त हुआ।

समस्तीपुर में किस-किस सर्वे को मान्यता?

आरटीआई के जवाब में कार्यालय बंदोबस्त पदाधिकारी, दरभंगा ने समस्तीपुर में एक बार के जवाब में दो बार सर्वे (1. कैडस्ट्रल सर्वे, 2. रिवीजनल सर्वे) तो दूसरी बार जवाब में तीन बार सर्वे (1. कैडस्ट्रल सर्वे, 2. रिवीजनल सर्वे, 3. चकबंदी सर्वे) बताया है। यही नहीं बल्कि समस्तीपुर में किस-किस सर्वे को मान्यता दी गई है। उसका सरकार द्वारा निर्गत गजट/सर्कुलर/नोटिफिकेशन मांगने पर विभाग ने जवाब दिया कि रिवीजनल सर्वे का अंतिम प्रकाशन हो चुका है। इसकी मान्यता से समबंधित गजट/नोटिफिकेशन का कॉपी कार्यालय में उपलब्ध नहीं है।

श्री कुमार ने पूछा कि “अभी वर्तमान में किस सर्वे के आधार पर दाखिल ख़ारिज किया जाना है।” जिसके जवाब में विभाग ने चौंकाने वाला जवाब दिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में समस्तीपुर जिला के अंतर्गत विभिन्न अंचलों में दाखिल-खारिज निम्न आधार पर की जा रही है –

  1. कैडस्ट्रल सर्वे (CS) – मोहिउद्दीनगर, ताजपुर, सरायरंजन, पटोरी, कल्याणपुर, विभूतिपुर, समस्तीपुर सदर, मोरवा, पूसा, उजियारपुर।
  2. रिवीजनल सर्वे (RS)- विद्यापति, खानपुर, वारिसनगर, हसनपुर, विथान, सिंघिया, मोहनपुर, शिवाजीनगर।
  3. कैडस्ट्रल सर्वे (CS) एवं रिवीजनल सर्वे (RS) – दलसिंह सराय, रोसड़ा।

गजट नोटिफिकेशन कार्यालय में उपलब्ध नहीं

अब ऐसे में आप ही सोचिए कि कार्यालय बंदोबस्त पदाधिकारी, दरभंगा एक तरफ खुद ही कह रहे हैं कि रिवीजनल सर्वे की मान्यता से समबंधित गजट/नोटिफिकेशन का कॉपी कार्यालय में उपलब्ध नहीं है। जबकि उनके ही जवाब के अनुसार उसी सर्वे के आधार पर धरल्ले से दाखिल-ख़ारिज भी किया जा रहा है। यही नहीं बल्कि अभी विशेष सर्वे को भी अलग-अलग अंचल में रिवीजनल सर्वे के आधार पर करने की बात लिखित जवाब में स्वीकार रहे हैं।

श्री त्रिपुरारी शरण, बिहार राज्य मुख्य सूचना आयुक्त ने मामले की सुनवाई करते हुए 23.08.2024 को जब प्रभारी बंदोबस्त पदाधिकारी, दरभंगा से पूछा कि रिवीजनल सर्वे का मान्यता संबंधी गजट नोटिफिकेशन की प्रति आपके कार्यालय में उपलब्ध नहीं है तो वो कहां उपलब्ध होगी? उन्होंने बताया कि असल में गजट नोटिफिकेशन हुआ ही नहीं है।

बिहार राज्य मुख्य सूचना आयुक्त ने अपने आदेश में कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि सारे जिले में किसी एक सर्वे के आधार पर दाखिल-खारिज किया जा रहा है या दो अलग-अलग सर्वे के आधार पर. प्रभारी बंदोबस्त पदाधिकारी द्वारा उपलब्ध करायी गई सूचना विरोधाभासी है। अतः प्रभारी पदाधिकारी, बंदोबस्त कार्यालय, दरभंगा को अगले सुनवाई में सदेह उपस्थित होकर स्पष्ट परिमार्जित सूचना उपलब्ध कराने को कहा।

Bihar Jamin Survey मामला फंस गया, बिना गजट नोटिफिकेशन के कर दिया

अब ऐसे में बिहार सरकार के ऊपर बड़ा सवाल खड़ा होता है कि जिस सर्वे के मान्यता से समबंधित गजट नोटिफिकेशन प्रकाशित ही नहीं हुआ। उस सर्वे के आधार पर दाखिल-ख़ारिज कैसे किया जा रहा था? यही नहीं बल्कि सभी विशेष सर्वे भी करवाने की बात स्वीकार रहे हैं, अब सोचिये कि ऐसे में आपका आपसी विवाद कितना बढ़ जायेगा और परेशानी का सामना अलग से करना पड़ेगा?

RTI Document PDF

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