पटोरी प्रखंड कृषि पदाधिकारी के मिलीभगत से खाद की कालाबाजारी का आरोप

पटोरी प्रखंड में किसानों को सरकार द्वारा निर्धारित दरों पर खाद/बीज उपलब्ध नहीं करा कर प्रखंड कृषि पदाधिकारी के मिलीभगत से कालाबाजारी किया जा रहा है। जिसमें पटोरी प्रखंड कृषि पदाधिकारी के मिलीभगत से खाद की कालाबाजारी का आरोप लगाकर शिकायत दर्ज करवाया गया है। आइये जानते हैं कि पूरा मामला क्या है?

कृषि पदाधिकारी के मिलीभगत से खाद की कालाबाजारी

पटोरी क्षेत्र के किसानों के द्वारा हमें लगातार खाद/बीज के कालाबाजारी की शिकायत मिल रही थी, जिसके उपरांत पटोरी प्रखंड क्षेत्र में सरकार द्वारा नियुक्त कई दुकानों में किसानों के खाद की खरीदारी के लिए गए। जिसमें पटोरी में स्थित कई कृषि केंद्र ने डीएपी खाद का मूल्य 17 सौ रुपया से लेकर 18 सौ रुपया बताया। जबकि उसके मूल्य तालिका व पैकेट पर 1340 रुपया से 1350 रुपये अंकित है।

जिसके उपरांत पटोरी प्रखंड स्थित कृषि कार्यालय दोपहर 12:19 गया, जहां पटोरी प्रखंड कृषि पदाधिकारी के बारे में फील्ड में होना बताया गया। सुरजीत श्यामल, संयोजक, नागरिक संघर्ष मोर्चा ने फोन कर पटोरी प्रखंड कृषि पदाधिकारी को वस्तुस्थिति की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आपको खाद लेना है तो डीलर से बात करवाईये हम आपको दिला देंगें। जिस पर आपत्ति जताते हुए सुरजीत ने कहा आपको कितने किसानों से बात करवायें?

किसानों को सही खाद उपलब्ध करवाओ

जिसके बाद थोड़ी देर में वो ऑफिस में आयें। जहॉं सुरजीत उनसे कुछ किसानों के साथ मिले। उन्होने स्पष्ट तौर पर स्वीकारा की पटोरी क्षेत्र में खाद की किल्लत है। आगे उन्होंने कहा कि वो पिछले तीन साल से किसी को भी मैनेज कर लेते हैं। वो कहने लगे कि पटोरी क्षेत्र के डीलर बाहर से खाद लाकर किसानों को दे रहे हैं, जिससे उनको ज्यादा लागत लगता है। उन्होंने उनको कह रखा है कि कुछ पैसा ज्यादा ले लो मगर किसानों को सही खाद उपलब्ध करवाओ।

जब सुरजीत ने उनके इस आदेश पर आपत्ति की कि किसान सरकार द्वारा तय मूल्य से ज्यादा क्यों देेगें, तो उन्होंने सीधे कहा कि इसके लिए आपको जिला बात करना होगा। यह हमारे हाथ में नहीं है यह सब वहीं से तय है। जिससे स्पष्ट है कि पटोरी में कालाबाजारी उनके ही निर्देश से हो रहा है और उनके अनुसार जिला के अधिकारी लोगों की भी इसमें मिली भगत है।

पटोरी प्रखंड कृषि पदाधिकारी के मिलीभगत से खाद की कालाबाजारी का आरोप

 

जिसके बाद नागरिक संघर्ष मोर्चा (Run by Worker Voice) के द्वारा मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार से अविलंब पटोरी प्रखंड कृषि पदाधिकारी को पद से बर्खास्त कर कालाबाजारी में लिप्त अन्य अधिकारी/कर्मियों की संलिप्तता की जांच कर विभागीय/कानूनी कार्रवाई करते हुए आम किसान को सरकार द्वारा निर्धारित उचित मूल्य पर खाद/बीज उपलब्ध कराने की मांग किया गया है।

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